पीठ दर्द और रीढ़ की समस्याएं

Ayurvedic Solutions

आधुनिक जीवनशैली में सबसे अनदेखा किया गया संकेत

आज की दौड़ती-भागती ज़िंदगी में पीठ दर्द एक आम समस्या बन चुकी है। ऑफिस में घंटों बैठकर काम करना, फोन और लैपटॉप की गलत पोज़िशन, नींद की कमी, और तनाव — ये सभी कारण धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी पर असर डालते हैं। पहले यह समस्या 40 की उम्र के बाद देखी जाती थी, अब 20 की उम्र में ही लोग chronic back pain से जूझ रहे हैं।

पीठ दर्द के प्रमुख कारण:

आयुर्वेद में पीठ दर्द की व्याख्या

आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में वात दोष असंतुलित होता है — तो वो हड्डियों, नसों और जोड़ों पर असर डालता है। इससे पीठ में stiffness, जलन और दर्द उत्पन्न होता है। वात को संतुलित करने के लिए पंचकर्म, अभ्यंग (तेल मालिश), और बस्ती (औषधीय एनिमा) जैसी थेरेपीज़ का उल्लेख किया गया है।

घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय:

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